ईद-उल-मिलानदुन्नबी के दिन अकीदतमंदो ने घरों पर फातिहा पढ़ा और दुआ मांगी। इस दौरान सोशल डिस्टेंस का भी पालन किया गया।
शहजाद आलम/महुआडांड़ : इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मुबारक अवसर पर शुक्रवार को ईद-उल-मिलानदुन्नबी महुआडांड़ में पूरी सादगी के साथ मनायी गई। इस दौरान ना तो प्रखण्ड क्षेत्र में कहीं जुलूस निकाला गया और ना ही किसी प्रकार का कोई बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग नगर प्रतापपुर स्थित मजार पहुंचे और दुआ की। इस अवसर पर मस्जिद को सजाया गया था।
ईद अरबी शब्द है। उर्दू व फारसी में भी इसका उपयोग होता है। ईद का हिन्दी अर्थ पर्व या त्योहार है। अरबी, उर्दू और फारसी में भी ईद का अर्थ खुशी या हर्षोल्लास होता है। मुस्लिम धर्म यानी इस्लामी कैलेंडर के अनुसार साल में 3 ईद मनाई जाती हैं। पहली ईद उल-फ़ित्र इस्लामी कैलेण्डर के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है। इस्लामी कैलंडर के सभी महीनों की तरह यह चाँद के दिखने पर शुरू होता है, ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इसके बाद इस्लामी कैलेंडर के आखरी महीने की दसवीं तारीख को ईद-उल-अज़हा मनाया जाता है। इसे बक़र-ईद भी कहा जाता है,( क़ुरबानी की ईद) इसी दिन हज भी अदा किया जाता है। वहीं इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख को ईद-उल- मिलानदुन्नबी इस्लाम में बेहद महत्वपूर्ण यह दिन इसी दिन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था।